सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार की बड़ी तैयारी, क्या यूपी भी करेगा ऐसा?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार की बड़ी तैयारी, क्या यूपी भी करेगा ऐसा?





तमिलनाडु स्कूल शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के बाद अगले दो सालों में कम से कम छह टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) आयोजित करने का फैसला किया है। विभाग की योजना है कि साल में तीन बार यह परीक्षा मध्यम स्तर की कठिनाई के साथ कराई जाए, ताकि शिक्षकों को नौकरी बरकरार रखने के पर्याप्त मौके मिल सकें। राज्य में टीईटी पास प्रतिशत सिर्फ 4.5% है, और इस बार परीक्षा में ज्यादा उम्मीदवारों को पास कराने पर जोर होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आदेश दिया है कि सभी स्कूलों के शिक्षक, चाहे सरकारी हों या निजी, और कक्षा 1 से 8 पढ़ाने वाले सभी इन-सर्विस टीचर्स को सेवा जारी रखने के लिए टीईटी पास करना जरूरी है। केवल उन्हें छूट मिलेगी जिनकी सेवा पांच साल से कम रह गई है। साथ ही, प्रमोशन के लिए भी टीईटी पास करना आवश्यक कर दिया गया है।

शिक्षक संघों ने मांग की है कि वर्षों से सेवा दे रहे पुराने शिक्षकों के लिए एक विशेष टीईटी आयोजित किया जाए। हालांकि, कानूनी सलाह के अनुसार यह तभी होना चाहिए जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका का परिणाम शिक्षकों के पक्ष में न आए। संघ ने कहा है कि वर्षों की सेवा के बाद परीक्षा देना शिक्षकों के लिए उचित नहीं है।

टीईटी परीक्षा 150 अंकों की होती है जिसमें पास होने के लिए 60% अंक (90 अंक) चाहिए, कुछ श्रेणियों के लिए 5% की छूट है। कई शिक्षक चाइल्ड डेवलपमेंट और पेडागॉजी पेपर को सबसे कठिन मानते हैं। इसी कारण शिक्षक संघों ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए विशेष प्रशिक्षण की मांग की है।

हाल ही में राज्य के कई शिक्षक अगस्त में भर्ती बोर्ड द्वारा अधिसूचित टीईटी के लिए आवेदन कर चुके हैं, जिसकी अंतिम तारीख 8 सितंबर थी। विभाग ने सभी जिलों से उन सरकारी शिक्षकों का आंकड़ा भी मांगा जो पहले से टीईटी पास कर चुके हैं। शिक्षक संघों ने चिंता जताई है कि अगर इन्हें पदोन्नति मिलती है तो बाकी शिक्षक असंतुष्ट हो सकते हैं।

उत्तर प्रदेश में टीईटी परीक्षा अभी एक बार साल में आयोजित होती है। आगामी यूपी टीईटी 2025 की परीक्षा जनवरी 29 और 30, 2026 को होगी। फिलहाल, यूपी सरकार ने टीईटी के आयोजन की आवृत्ति बढ़ाने की कोई योजना नहीं बनाई है, जो तमिलनाडु की छह बार टीईटी आयोजित करने की योजना से अलग है। शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए यूपी के शिक्षक तैयारी कर रहे हैं ताकि वे सरकारी शिक्षकों की पात्रता सुनिश्चित कर सकें।

अब राज्य सरकार की कोशिश है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पालन करते हुए ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों को अवसर दिया जाए, जिससे राज्य के शिक्षा तंत्र में स्थिरता बनी रहे और योग्य शिक्षक आगे आ सकें।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Post a Comment

0 Comments