सरप्लस प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक/पदोन्नति प्रकरण विशेष

 सरप्लस प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक/पदोन्नति प्रकरण विशेष





हेडमास्टर सरप्लस मामले में समायोजन पार्ट 2 में बच्चों के आधार पर सरप्लस तो हुए नहीं हैं, परन्तु जो विद्यालय मर्ज हो रहे हैं उसके हेडमास्टर,और जो विद्यालय पूर्व में प्राइमरी से प्राइमरी Composite हुए उसके  हेडमास्टर जो एक से अधिक थे, वे समायोजन 2 में भी सरप्लस हैं 

सरप्लस सूची में जो संख्या मात्र 87 दिखी है, अब मर्जर स्कूलों के हेडमास्टर के सरप्लस होने के बाद इनकी संख्या बढ़ जाएगी, समायोजन पार्ट 1 में जो हेडमास्टर सरप्लस हुए थे उनकी संख्या 35000 के ऊपर थी, उनमें से 9081 लोग उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद पर चले गए, उनको पूरे उत्तर प्रदेश में चुनौती देने के लिए कई टीमें सक्रिय थीं, सबने शिक्षकों से सहयोग भी लिया,परन्तु एक मात्र याचिका अधिवक्ता श्री दुर्गा प्रसाद शुक्ल जी (D P Shukla) ने किया था, उनकी याचिका की सबसे प्रमुख बात यह रही कि उसमें Subject to Outcome का आदेश हुआ| 

शिक्षकों के रवैये से निराश होकर उस याचिका के याचिकाकर्ता राहुल पाण्डेय जी ने कहा कि-  "पदोन्नति की लड़ाई मैंने शुरू किया था, समायोजन के कारण पदोन्नति की रिक्तियों को नुकसान पहुंच रहा है, इसलिए मै इस विषय पर अंतिम याचिका कर रहा हूँ"

उनकी (राहुलजी) याचिका का परिणाम रहा कि समायोजन पार्ट 2 में कम बच्चों के आधार पर प्राइमरी स्कूल का प्रधानाध्यापक सरप्लस नहीं रहा, समायोजन पार्ट 2 की सरप्लस सूची आने के पहले DP शुक्ला जी के बाद याचिकाकर्ता अवनीश यादव ने एक याचिका किया था, परन्तु उनके वकील पहली डेट को बहस के लिए तैयार ही नहीं थे, ऑर दूसरी डेट पर याचिका ही वापस ले लिया,आप लोग याचिका संख्या 7596/2025 में याचिका वापसी का आदेश पढ़ सकते हैं

समायोजन पार्ट 2 में प्रधानाध्यापक  के सरप्लस न होने का कोई श्रेय लेना चाहता है तो समायोजन पार्ट 2 की सरप्लस सूची आने के पहले की अपनी याचिका संख्या प्रस्तुत करे

इलाहाबाद में एक याचिका अभी हाल में हुई है, जिसकी एक अगस्त 2025 को सुनवाई हुई,इनके द्वारा भी समायोजन पार्ट 1 की प्रधानाध्यापक सरप्लस की सूची चैलेंज है,परन्तु आदेश में प्रतिवादियों से मात्र जवाब मांगा गया है, न तो सरप्लस सूची याचिका के अन्तिम निर्णय के अधीन हुई और न स्टे ही मिला

जो मर्जर स्कूल के हेडमास्टर सरप्लस मानकर समायोजन किए जा रहे हैं,उनको भी उच्च प्राथमिक विद्यालय में नहीं भेजा जाना चाहिए

पदोन्नति की लड़ाई मै भी लड़ रहा था, अब किंकर्तव्यविमूढ़ हूँ कि इन प्रधानाध्यापक को उच्च प्राथमिक विद्यालय में जाने से कैसे रोका जाए?,जिससे कि पदोन्नति का पद खराब न हो

आगे सूचित हो कि प्रभारी प्रधानाध्यापक को तदर्थ प्रधानाध्यापक मानकर प्रधानाध्यापक का वेतन देने के माननीय डिवीजन बेंच के आदेश को उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया है, मै इस लड़ाई को एकल पीठ में लड़ा हूँ, डिवीजन बेंच मे सुनवाई में भी मेरे अधिवक्ता उपस्थित रहे हैं, एवं अब सुप्रीम कोर्ट से भी मै एकल पीठ के आदेश को बचाने का पूरा प्रयास करूँगा,जिससे कि जबतक पदोन्नति न हो, प्रभारी प्रधानाध्यापक को प्रधानाध्यापक का वेतन मिल सके,एवं सरकार विवश होकर प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर के पद को खत्म करने के बजाय पदोन्नति से भरे

✍️ राघवेन्द्र  पाण्डेय



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