500 से अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालय बनेंगे आदर्श , 2000 करोड़ रुपये के एकमुश्त बजट को मंजूरी, बेसिक शिक्षा विभाग की अब तक की सबसे बड़ी निवेश योजना

लखनऊ । सरकार ने राज्य के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संपूर्ण कायाकल्प के लिए ₹2,000 करोड़ की एकमुश्त बजट को स्वीकृति दी है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए तैयार की गई यह योजना बेसिक शिक्षा विभाग की अब तक की सबसे बड़ी निवेश योजना मानी जा रही है। इस योजना के तहत प्रदेशभर में संचालित परिषदीय विद्यालयों में भवन निर्माण, संसाधन सुदृढ़ीकरण, पेयजल, शौचालय, स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, एमडीएम शेड, रैंप और चारदीवारी जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
यह योजना अब केवल भवन निर्माण तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसका फोकस प्रभावी उपयोग और क्रियाशीलता पर भी होगा। इसी परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2025-26 में 500 या अधिक छात्रसंख्या वाले विद्यालयों को 'आदर्श विद्यालय' के रूप में पुरस्कार स्वरूप उच्चीकृत किया जाएगा।
इन विद्यालयों को स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी रूम, मल्टीपरपज हॉल, क्लब रूम, कंप्यूटर और आईसीटी लैब, 'लर्निंग बाय डुइंग' स्पेस और एमडीएम शेड सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी।
इस सम्बन्ध में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हम शिक्षा को सिर्फ विद्यालय उपस्थिति तक सीमित न रखते हुए उसे संरचनात्मक, तकनीकी और बौद्धिक रूप से समृद्ध बनाने के संकल्प के साथ कार्य कर रहे हैं।
महानिदेशक स्कूल, कंचन वर्मा का कहना है कि इस रणनीति से प्रदेश के स्कूलों में छात्र नामांकन में वृद्धि, पियर लर्निंग का विस्तार, सक्रिय सहभागिता और अनुभवात्मक अधिगम को बढ़ावा मिलेगा।
2000 करोड़ रुपये से 500 से ज्यादा छात्र वाले स्कूल बनेंगे आदर्श विद्यालय, भवन निर्माण, स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, रैंप, मल्टीपरपज हॉल की होगी सुविधा
लखनऊ। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कायाकल्प ल्प के लिए राज्य सरकार ने एकमुश्त 2000 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। इससे 500 से ज्यादा छात्र संख्या वाले 650 से अधिक व सीएम मॉडल विद्यालयों में भवन निर्माण, स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, मल्टीपरपज हॉल, रैंप, पेयजल व शौचालय आदि की सुविधाएं दी जाएंगी।
इसके माध्यम से विद्यालयों को न सिर्फ संसाधनों से युक्त किया जाएगा बल्कि बच्चों व उनके अभिभावकों को भी विद्यालयों की तरफ आकर्षित किया जाएगा। यह कवायद विद्यालयों में बच्चों की संख्या बढ़ाने में भी सहयोगी होगी। आदर्श विद्यालयों में अन्य सुविधाओं के साथ-साथ आईसीटी लैब, लर्निंग बाई डुइंग जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं भी दी जाएंगी। इनके माध्यम से बच्चे प्रयोग करके भी सीखेंगे।
वहीं, जहां कम नामांकन वाले विद्यालयों का विलय किया गया है, दूसरी तरफ ज्यादा छात्र संख्या वाले विद्यालयों में संसाधन व सुविधाओं के विस्तार को एक रणनीतिक पहल भी माना जा रहा है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा कि इससे प्रदेश के स्कूलों में छात्र नामांकन में वृद्धि, पियर लर्निंग का विस्तार, सक्रिय सहभागिता और अनुभवात्मक अधिगम को बढ़ावा मिलेगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हम शिक्षा को संरचनात्मक, तकनीकी और बौद्धिक रूप से समृद्ध बनाने पर काम कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि आने वाले वर्षों में यूपी को देश में शिक्षा के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में स्थापित करें। हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने के लिए नवाचार, पारदर्शिता और समर्पण के साथ काम कर रहे हैं। - संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री
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