त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव टल सकते हैं?
उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर एक बड़ा प्रशासनिक गतिरोध सामने आया है। नगर विकास विभाग ने पंचायतीराज विभाग से नगर निकायों के सृजन और सीमा विस्तार पर लगी रोक को हटाने की मांग की है। इसका सीधा असर पंचायत चुनाव की वर्तमान प्रक्रिया पर पड़ सकता है, जिससे चुनाव टलने की संभावना प्रबल हो गई है।
क्या है मामला?
🔹 21 मई 2025 को पंचायतीराज विभाग ने एक शासनादेश जारी कर नगर निकायों के सृजन और सीमा विस्तार पर अस्थायी रोक लगा दी थी।
🔹 अब नगर विकास विभाग ने इस शासनादेश को निरस्त करने की सिफारिश की है ताकि 97 नए निकायों का गठन और 107 निकायों का विस्तार किया जा सके।
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने पंचायतीराज प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर कहा कि: “चुनाव से पहले नगर निकायों का सृजन व विस्तार आवश्यक है, ताकि बाद में कानूनी अड़चनें और न्यायिक वाद टाले जा सकें।”
क्या हो रहा है अभी?
- 18 जुलाई से पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के वार्डों का पुनर्गठन शुरू हुआ था।
- 10 अगस्त को वार्डों की अंतिम सूची जारी होनी है।
- वर्तमान में राज्य निर्वाचन आयोग मतदाता सूची का पुनरीक्षण भी कर रहा है।
क्या होगा असर?
यदि पंचायतीराज विभाग नगर विकास विभाग की सिफारिश मानता है और रोक हटाता है, तो:
वार्ड पुनर्गठन की प्रक्रिया स्थगित हो सकती है
जिससे चुनाव की तारीखें आगे बढ़ सकती हैं
राजनीतिक दलों और मतदाताओं की चुनावी तैयारियों पर असर पड़ेगा
“अगर पंचायत चुनाव टाले जाते हैं तो यह राज्य के ग्रामीण लोकतंत्र के लिए एक बड़ा प्रशासनिक झटका हो सकता है। परंतु निकायों के नए सृजन और सीमा विस्तार की कानूनी प्रक्रिया पूरी करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। सरकार को चाहिए कि पारदर्शी रूप से समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करे ताकि न चुनाव टले, न विकास बाधित हो।”
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