GOOD NEWS ON SCHOOL MERGER : अब लौटेगी बच्चों की रौनक,82 स्कूलों का मर्जर निरस्त
पहले क्या हुआ था?
- शिक्षा विभाग ने प्रथम चरण में 129 प्राथमिक विद्यालयों के विलय का निर्णय लिया था।
- इनमें से कई विद्यालय बच्चों के घरों से 1 किलोमीटर से अधिक दूरी पर थे।
- नतीजा यह हुआ कि छोटे बच्चों को 2–3 किलोमीटर दूर रोज पैदल जाना पड़ रहा था।
👉 जैसे—
- पूरे तिवारी गांव के बच्चों को रोज़ 3 किमी दूर किलौली जाना पड़ रहा था।
- अहमदपुर के 29 बच्चों को भी 1.5 किमी दूर स्कूल जाना होता था, जिसमें हाईवे पार करना पड़ता था।
😟 अभिभावकों की नाराजगी
अभिभावकों ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया। उनका कहना था कि—
- छोटे बच्चों को इतनी दूर भेजना न सुरक्षित है, न व्यावहारिक।
- पढ़ाई पर असर पड़ रहा है और कई बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ भी दिया था।
✅ अब सरकार ने सुनी परेशानी
इन आपत्तियों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने 82 स्कूलों का मर्जर निरस्त कर दिया। अब बच्चे अपने पुराने विद्यालयों में ही पढ़ाई कर सकेंगे।
🔄 दो स्कूलों की पेयरिंग में संशोधन
- पूरे पंडित प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को अब अजमतउल्ला गंज नहीं, बल्कि पूरे प्रसाद विद्यालय भेजा जाएगा।
- नीबी प्रथम विद्यालय का मर्जर बीबी द्वितीय से हटाकर उच्च प्राथमिक विद्यालय नीबी से कर दिया गया है।
📢 बीएसए राहुल सिंह का बयान:
“शासन के निर्देश पर जिन भी स्कूलों की पेयरिंग 1 किमी से अधिक दूरी पर थी, उसे निरस्त कर दिया गया है। अब वहां पुनः सभी कक्षाओं का संचालन होगा।”
👉 यह फैसला न केवल बच्चों की पढ़ाई को आसान बनाएगा, बल्कि अभिभावकों की चिंता और बच्चों की सुरक्षा दोनों को राहत देगा।
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